शनिवार, 2 जून 2012


प्राणायाम से शारीरिक दोष, धारणा से पूर्व जन्म के अर्जित तथा वर्तमान
तक के सभी पाप, प्रत्याहार से संसर्ग जनित दोष एवं ध्यान से जविक दोष
नष्ट हो जाते हैं ! जैसे आग के ताप रखने से धातुओं के दोष दग्ध हो जाते
हैं उसी प्रक्रार प्राणायाम के द्वारा साधक के इन्द्रियजनित दोष नष्ट हो
जातेहैं ! अतः प्रतिदिन नियम पूर्वक प्राणायाम करके ग्रहदोशों से भी
मुक्ति पाई जा सकती है !!

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