शनिवार, 31 मई 2014


प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  की सरकार
  एनडीए के शपथ ग्रहण के लिए मारकेश की सूक्ष्मदशा तक समाप्त होने की हुई प्रतीक्षा !
स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद यह पहला कालखण्ड है जब किसी पार्टी के सदस्यों ने चुनाव के लिए पर्चा भरने से लेकर सरकार के गठन
तक सूक्ष्म से सूक्ष्म मुहूर्तों को ध्यान में रखकर शपथ ली हो ! यहाँतक कि श्री नरेंद्र मोदी जी के शपथ ग्रहण मुहूर्त तुला लग्न, के लिए मारकेश
मंगल की सूक्ष्मदशा तक समाप्त होने की प्रतीक्षा की गई जो शायं 06 बजकर 09 मिनट पर समाप्त हुई ! जनता की उम्मीदों पर कितनी खरी
उतरेगी मोदी सरकार, कैसा रहेगा इस सरकार का भविष्य..? इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं !
मोदी सरकार का शपथ ग्रहण ज्येष्ठ कृष्णपक्ष त्रयोदशी सोमवार को भरणी नक्षत्र, शोभन योग, तुला लग्न और मेष राशि के चन्द्र की
यात्रा के मध्य शायं 06 बजकर 12 मिनट पर हुआ ! तुला लग्न की एनडीए सरकार की कुंडली में लग्न में ही शनि और राहू बैठे हैं जिनके
द्वारा निर्मित पंचमहापुरुष योगों में प्रधान 'शशक' एवं चक्रवर्ती योग, राहू द्वारा निर्मित महान कुटनितिज्ञ और कुशल सेनापति योग बना है
इस लग्न पर लग्न के स्वामी शुक्र की पूर्ण दृष्टि है साथ ही केतु, चन्द्रमा और गुरु की पूर्ण दृष्टी भी है जो सरकार के काम-काज एवं निर्णय
लेने में मजबूती लाएगी ! सप्तम भाव में चन्द्र, केतु, शुक्र एवं अष्टमभाव में सूर्य बैठे हैं जबकि बुध-गुरु नवम भाग्यभाव तथा मंगल द्वादश
हानिभाव में बैठे हैं ! कुंडली पर गौर करे तो केंद्र और त्रिकोण में सात ग्रह बैठे है, जो सरकार को पूरी मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध हैं
केवल सूर्य और मंगल ही केंद्र-त्रिकोण से बाहर है ! इसलिए लग्न में ही जनता के कारक उच्चराशिगत शनिदेव का बैठना साथ ही उनके साथ राहू की
युति सरकार के लिए निर्णय लेने जनप्रिय सरकार बनाने की दृष्टि से  वरदान सिद्ध होगी इन दोनों ग्रहों के शुभ प्रभाव स्वरुप सरकार जनहित में कई
कठोर फैसले लेगी जिसके दूरगामी परिणाम अति सकारात्मक रहेंगें शनिदेव मृत्युलोक के दंडाधिकारी भी है इसलिए न्यायालय संबंधी मामलों का भी
कठोरता से पालन करते हुए भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई होगी ! यही ग्रह स्थिति सरकार का सबसे मजबूत पक्ष भी है !
लग्न के अतिरिक्त इस कुंडली का भाग्य भाव भी अति बलवान है ! भाग्येश बुध का अपनी ही राशि मिथुन में बैठना साथ ही पराक्रमभाव के स्वामी
बृहस्पति के साथ बुध की युति हमारी विदेश निति को मजबूत तो करेगा ही साथ ही व्यापार की दृष्टि से आयात-निर्यात के सेक्टर्स का लिए अति
लाभकारी सिद्ध होगा ! कुंडली के सप्तम भाव में लग्नेश शुक्र और कर्म भाव के स्वामी चन्द्रमा की केतु के साथ युति, उस पर भी शनि, राहू और मंगल
की पूर्ण दृष्टि के फलस्वरूप सरकार परिवहन, विज्ञान एवं टेक्नोलोजी के क्षेत्र में सफलता के नए आयाम कायम करेगी !
वर्तमान समय में मोदी सरकार पर शुक्र की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा 08 अप्रैल 2016 तक चलेगी ! सरकार के लिए ये लगभग 23 महीने अति
महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे ! इसी दशा के मध्य सरकार का आगे का भविष्य भी छुपा हुआ है ! उसके बाद 08 अप्रैल तक 2017तक
सूर्य, 08 दिसम्बर 2018 तक चन्द्रमा की अंतर्दशा चलेगी ! इस सरकार की कुंडली में सबसे बड़ा चौकाने वाला एक पहलू और भी है कि जब इस
देश में सत्रहवीं लोकसभा चुनाव '2019' की तैयारी हो रही होगी तो उस समय इस सरकार पर मारकेश मंगल की अंतर दशा 8दिसंबर 2018 से आरम्भ हो
चुकी होगी, अतः इस सरकार के कार्यकाल के अंतिम 3/4 महीने मान-सम्मान के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकते है ! अतः सरकार को कदम कदम पर
सावधान रहना होगा !   पं जयगोविंद शास्त्री