बुधवार, 6 मई 2020

सभी बारह राशियों का राशिफल 2020

मेष राशि- संवत्सर के आरंभ से ही आपके राशि स्वामी मंगल उच्चराशिगत होकर दशम कर्म भाव में बैठे हैं और साथ में शनिदेव भी विराजमान है कार्यक्षेत्र की दृष्टि से यह योग शुभ कहा जा सकता है किंतु माता पिता के स्वास्थ्य पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा अतः इसका ध्यान रखें | पराक्रम भाव में राहु आपको अति साहसी, ऊर्जावान और उद्यमी बनाएंगे जिसके फलस्वरूप आप बड़े से बड़ा निर्णय अथवा कार्य बड़ी सहजता के साथ कर लेंगे | अत्यधिक ऊर्जा के कारण आपको ज़िद एवं आवेश से बचना चाहिए और परिवार के वरिष्ठ सदस्यों अथवा भाइयों से मतभेद ना होने पाए इसका ध्यान भी रखना चाहिए आरंभ से ही वृहस्पति आपके भाग्य भाव में बैठे हुए हैं जिनकी अमृत दृष्टि आपके ऊपर और आपके ज्ञान के ऊपर पड़ रही है, अतः शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता तो मिलेगी ही संतान संबंधी चिंता से मुक्ति भी मिलेगी | नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव का भी योग बनेगा और विवाह से संबंधित वार्ता सफल रहेगी | यात्रा देशाटन का पूर्ण आनंद उठाएंगे विदेश यात्रा एवं विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन आदि करना चाह रहे हों तो भी यह वर्ष आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है लाभ उठाएं | व्यापारिक वर्ग के लिए भी अत्यधिक उतार-चढ़ाव के बावजूद व्यापार लाभदायक रहेगा |
वृषभ राशि- वर्ष आरंभ से ही आपके राशि स्वामी शुक्र व्यय भाव में गोचर कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आपके लिए वर्ष भागदौड़ अधिक कराएगा और विलासिता पर वह भी होगा | स्वास्थ्य विशेष करके बाई आंख का ध्यान रखना चाहिए | 29 मार्च बाद ही वृहस्पति  आरती चारी होकर मकर राशि में चले जाएंगे जहां पर पहले से ही मंगल एवं शनि विराजमान है यहां पर वृहस्पति नीच राशि संज्ञक हो जाएंगे | अतः नौकरी में स्थान परिवर्तन एवं तनाव की संभावना बढ़ जाएगी इसलिए कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनाकर रखें जहांतक संभव हो झगड़े विवाद से बचते रहें | राहु का उच्चराशिगत होकर धनभाव में होना आकस्मिक धन प्राप्ति के योग तो बनाएगा किंतु, परिवार में कलह का भी सामना करवाएगा आपके लिए विशेष सलाह है कि कोई भी बात ऐसी ना बोले कि विवाद पैदा हो और कठोर शब्दों का प्रयोग करने से बचें | जून के अंतिम सप्ताह में पुनः वृहस्पति अपनी राशि में आकर आपकी राशि से अष्टम मृत्यु भाव में चले जाएंगे जिसके परिणाम स्वरूप कठोर परिश्रम का सामना तो करना पड़ेगा किंतु आपको मान सम्मान भी मिलेगा | आपके द्वारा लिए गए निर्णय एवं किए गए कार्यों की सराहना भी होगी इनकी अमृत दृष्टि आपके व्यभाव, धन और पराक्रम भाव पर भी पड़ेगी अतः धर्म-कर्म के मामलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे पारिवारिक एवं सामाजिक जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन करेंगे | व्यापारिक वर्ग के लिए उतार-चढ़ाव अधिक आएगा | विद्यार्थी वर्ग के लिए शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छे अंक की प्राप्ति के लिए और प्रयास करने होंगे | सूर्यदेव का गोचर सरकारी कार्यो का निपटारा कराने में मदद करेगा यहांतककि सरकारी सर्विस हेतु आवेदन भी करना चाह रहे हों तो परिणाम आपके पक्ष में आने के संकेत दिखाई दे रहे हैं |

मिथुन राशि- आपकी राशि स्वामी बुध संवत्सर के आरंभ से ही भाग्य भाव में बैठे हुए हैं अतः वर्ष आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है कुछ महीने तक बुध का प्रभाव आपके लिए अति शुभ रहेगा अतः आपका व्यापारिक एवं आर्थिक पक्ष मजबूत होगा शासन सत्ता से संबंधित किसी भी कार्य का निपटारा करवाना हो तो प्रयास तेज करें उच्चाधिकारियों से अच्छे संबंध बनेंगे | राहु पहले से ही आपकी राशि में विद्यमान है इसलिए यह संयोग भी आपको तीक्ष्ण बुद्धि वाला बनाएगा जिसके फलस्वरूप आपके लिए बड़े से बड़ा कार्य अथवा निर्णय लेना आपके लिए सहज हो जाएगा साथ ही आपकी राशि से सप्तम भाव में बैठे वृहस्पति की पूर्ण दृष्टि भी आपके ऊपर पड़ रही है जिसके प्रभाव स्वरूप शादी विवाह से संबंधित वार्ता सफल रहेगी नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव का भी योग बनेगा ससुराल पक्ष से रिश्ते मजबूत बनेंगे | यदि आप व्यापारी हैं तो भी आपके लिए यह संयोग अतिशुभ साबित होगा |काफी दिनों से रुका हुआ आपका धन वापस मिलेगा किंतु कोर्ट कचहरी के मामले बाहर ही निपटा लें तो बेहतर रहेगा क्योंकि अष्टम भाव में शनि और मंगल की युति आपको झगड़े विवाद से दूर रहने एवं वाहन सावधानी पूर्वक चलाने के संकेत कर रही है, कार्यक्षेत्र में भी षडयंत्र का शिकार होने से बचें, बेहतर रहेगा कि अपना कार्य संपन्न करें और सीधे घर आएं | स्वास्थ्य विशेषकर के रक्तविकार, जोड़ों में दर्द एवं वाद संबंधी रोगों से हमेशा सावधान रहना पड़ेगा | सूर्य एवं शुक्र का वर्तमान समय में गोचर आपके कार्य का विस्तार करेगा एक से अधिक आय के साधन बनेंगे |
कर्क राशि- संवत्सर के आरंभ से ही राशिस्वामी स्वामी चंद्र भाग्य भाव में बैठे हुए हैं, जो अपने पुत्र बुध के नक्षत्र में विराजमान हैं यह संयोग आपके लिए वर्ष वर्ष पर्यंत कवच का काम करेगा भाग्यभाव में सूर्य देव भी विराजमान हैं अतः व्यापार अथवा रोजगार के लिए यह संयोग अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा नौकरी में पदोन्नति एवं स्थान परिवर्तन का भी योग बन रहा है | प्रशासनिक कार्यो का निपटारा होगा आपकी समझदारी इसी में है कि उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनाकर रखें और अपने कार्य संपन्न करवाते रहें | अपनीउच्चराशि में राहु आपके व्यय भाव में विराजमान हैं इसके परिणाम स्वरूप आपको कई बार व्यर्थ भागदौड़ का सामना करना पड़ेगा, लोग आपको कार्य के लिए बुलाएंगे, मीटिंग के लिए बुलाएंगे और पहुंचने पर वह मीटिंग कैंसिल कर देंगे जिससे आपको परेशान होना पड़  सकता है | बृहस्पति आपके शत्रुभाव में गोचर कर रहे हैं तो आपको हर समय स्वास्थ्य सेतु सावधान रहना ही पड़ेगा गुप्त शत्रुओं से भी बचते रहना पड़ेगा मार्च के अंतिम सप्ताह  से जून के अंतिम सप्ताह तक वृहस्पति अतिचारी होकर मकर राशि में प्रवेश करके आप पर उच्च दृष्टि डालेंगे अतः इस अवधि के मध्य आप कोई भी बड़े से बड़ा कार्य अथवा निर्णय लेना चाहें तो शीघ्रता से लें | शादी विवाह से संबंधित वार्ता सफल रहेगी और दैनिक व्यापार में अत्यधिक लाभ की संभावना रहेगी | रोजगार की दिशा में किया गया लगभग सभी प्रयास सफल रहेगा | जुलाई से पुनः ग्रह स्थितियों में सुधार होगा, आपको हर निर्णय सावधानीपूर्वक लेने पड़ेंगे |

सिंह राशि- वर्ष के आरंभ से ही आपके राशि स्वामी सूर्य अष्टम प्रताप भाव में गए हुए हैं जिसके परिणाम स्वरूप आपको अग्नि, विष एवं  दवाओं के रिएक्शन से बचना पड़ेगा किंतु यही योग आपको मान सम्मान और प्रतिष्ठा भी दिलाएगा | वृहस्पति आपकी राशि से पंचम भाव में विराजमान है अतः शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता मिलेगी, संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी | यहांतक कि नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति के भी योग बन रहे हैं | प्रेम विवाह करना चाह रहे हों तो यह संवत्सर सहायक सिद्ध होगा | गुरु के मकर राशि में गोचर के समय आपको गुप्त शत्रुओं से बचना पड़ेगा | राशि से भाग्य भाव में शुक्र का गोचर राजयोग का निर्माण करेगा अतः केंद्र अथवा राज्य सरकार के संबंधित विभागों में नौकरी आदि के लिए आवेदन करना हो अथवा किसी भी तरह का लाभ लेना हो तो यह  वर्ष उपयुक्त रहेगा नौकरी में स्थान परिवर्तन के भी योग बन रहे हैं  आपके द्वारा लिए गए निर्णय एवं किए गए कार्यों की सराहना भी होगी | राशि से छठे भाव में मंगल शनि और लाभ भाव में राहु का होना आपको अति ऊर्जावान और उत्साही बनाएगा जिसके कारण कई बार आप निर्णय लेने में जल्दबाजी कर सकते हैं अतः विवादित मामलों से बचें जहां तक हो सके इसका सही उपयोग अपने कार्य व्यापार की सफलता के लिए लगाएं शत्रु परास्त होंगे और कोर्ट कचहरी के मामलों में निर्णय आपके पक्ष में आने के संकेत हैं | सितंबर से राहु के कर्क राशि में चले जाने के कारण आपके ग्रह गोचर में आया परिवर्तन आर्थिक तंगी ला सकता है उसके लिए अभी से सावधान रहें और अपव्यय बचें |

कन्या राशि- संवत्सर के आरंभ से ही आपके राशि स्वामी बुध छठे शत्रु भाव में बैठे हुए हैं अतः स्वास्थ्य के लिए यह योग थोड़ा सा प्रतिकूल रहेगा और अधिक कर्ज के लेनदेन से बचना पड़ेगा | यहांतक कि यदि आप किसी को कर्ज देना भी चाह रहे हों तो इस समय को टालें अन्यथा आपका दिया गया पैसा जल्दी वापस नहीं आएगा | मार्च के अंतिम सप्ताह से बृहस्पति का गोचर भी आपके लिए बेहतर हो जाएगा और विद्या भाव में तीन ग्रहों की युति शैक्षणिक एवं प्रतियोगिता के मामलों में कुछ चुनौतियां पेश कर सकती हैं अतः यदि आप विद्यार्थी हैं तो पढ़ाई के मामलों में लापरवाही न करें | संवेदनशील बने, प्रेम संबंधी मामलों में निराशा हाथ लगेगी इसलिए अपने कार्य पर ध्यान देंगे तो बेहतर रहेगा | संतान संबंधी चिंता आपको तंग कर सकती है किंतु नव दंपत्ति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग बन रहे हैं जुलाई से इन ग्रह स्थितियों में काफी सुधार आएगा और आपके सामने उपस्थित हुई विषम परिस्थितियां भी समाप्त होंगी | सूर्य का गोचर भी शादी विवाह से संबंधित मामलों में विलंब ला सकता है और दैनिक व्यापार में मंदी ला सकता है किंतु यह ज्यादा समय के लिए नहीं रहेगा परेशान ना हों | दशम भाव में उच्च राशि गत राहु आपको मिलने वाली कठिन चुनौतियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करेगा आपकी प्रतिष्ठा को भी निखारेगा | राजनैतिक अथवा सामाजिक  मामलों के चुनाव से संबंधित निर्णय आपके पक्ष में होंगे अतः राजनीति में भी प्रवेश करने का यह बेहतरीन अवसर है | शासन सत्ता का पूर्ण उपयोग करते हुए अपने कार्य को संपन्न करें रोजगार की दिशा में किया गया रहा प्रयास अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा स्थान परिवर्तन न घबराएं |

तुला राशि- आपके राशि स्वामी शुक्र संवत्सर के आरंभ से ही केंद्र भाव में बैठे हुए हैं जिसके प्रभाव स्वरूप संवत्सर का आरंभ सुखद परिणाम दिलाने वाला सिद्ध होगा, विशेष करके यह समय व्यापारिक वर्ग के लिए उत्तम रहेगा | राशि से पराक्रम भाव में बृहस्पति का गोचर आपको साहसी तो बनाएगा किंतु अतिचारी होकर गुर के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही आपको मार्च के अंतिम सप्ताह से जून के अंतिम सप्ताह तक के मध्य पारिवारिक कलह एवं मानसिक अशांति का सामना करना पड़ेगा इन सबके बावजूद आपके लिए मकान वाहन के क्रय का योग बना हुआ है यदि कहीं की भी यात्रा कर रहे हैं तो अपने सामान की रखवाली स्वयं करें और घर में चोरी होने से सावधान रहें | आपकी राशि के लिए राजयोग कारक ग्रह शनि भी अपने घर में चतुर्थ भाव में बैठे हुए हैं जिसके फलस्वरूप आपको माता पिता के स्वास्थ्य से कुछ चिंता तो होगी किंतु कार्य क्षेत्र में यह आपको सफल बनाएंगे | राजनीति अथवा राजनेताओं से गहरे संबंध रहेंगे इसलिए सरकार से जुड़े हुए कार्यों का निपटारा करने का सही समय है प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले छात्र यदि नौकरी हेतु आवेदन करें तो सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी | यात्रा देशाटन का पूर्ण आनंद मिलेगा इसी पर आपका अत्यधिक व्यय भी  होगा यदि विदेशी नागरिकता के लिए वीजा आदि का आवेदन करना चाह रहे हो तो उस दृष्टि से वर्ष अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा | सितंबर माह से राहु और केतु का गोचर परिवर्तन कुछ कठिन चुनौतियां पेश कर सकता है अतः षड्यंत्र का शिकार होने एवं कोर्ट कचहरी के मामलों से बचना पड़ेगा |

वृश्चिक राशि- संवत्सर के आरंभ से ही आपके राशि स्वामी मंगल उच्च राशि गत होकर पराक्रम भाव में बैठे हुए हैं जिसके प्रभावस्वरूप यह योग आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है इन्हीं के साथ स्वराशि गत शनि भी बैठे हुए हैं जो आपको अदम्य साहसी एवं पराक्रमी बनायेंगे | आप जो भी निर्णय लेंगे, जैसा निर्णय लेंगे वह सफल रहेगा किंतु अति उत्साह में ऐसा निर्णय न लें जिसके कारण आपको सामाजिक विरोध का सामना करना पड़े | भाइयों से मतभेद का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इसे ग्रह योग समझकर तूल न दें | धनभाव में बृहस्पति का बैठना आकस्मिक धन प्राप्ति के योग तो बनाएगा किंतु इनके मकर राशि में गोचर के समय यह प्रभाव क्षीण रहेगा | जून के अंतिम सप्ताह से पुनः वृहस्पति के धनु राशि में आ जाने के फलस्वरूप आर्थिक पक्ष और मजबूत हो जाएगा परिवार के बड़े बुजुर्गों से सहयोग मिलेगा | शुक्र का शत्रु भाव में जाना स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनाएगा गुप्त शत्रुओं से बचें | कार्यक्षेत्र में आपके खिलाफ षड्यंत्र होते रहेंगे इसके लिए सावधान रहें उच्चाधिकारियों से मधुर संबंध बनाकर रखें, राजनेताओं से भी गहरे संबंध बनेंगे | समाज में पद प्रतिष्ठा बढ़ेगी और आपके द्वारा लिए गए निर्णय एवं किए गए कार्यों की सराहना होगी | नौकरी में पदोन्नति के लिए प्रयास करें स्थान परिवर्तन का प्रयास भी कर सकते हैं | अक्टूबर से ग्रह गोचर में आने वाला परिवर्तन आपकी कामयाबियों में बढ़ोतरी करेगा किंतु, शादी विवाह से संबंधित वार्ता में विलंब हो सकता है ससुराल पक्ष से मतभेद न
पैदा होने दें |

धनु राशि- संवत्सर के आरंभ से ही आपके स्वामी बृहस्पति अपनी ही राशि में विराजमान है जो आपके लिए अत्यधिक शुभ फलदाई सिद्ध होते रहेंगे किंतु, मार्च के अंतिम सप्ताह से जून के अंतिम सप्ताह के मध्य यह अपनी नीच राशि 'मक'र राशि में चले जाएंगे जो आपके लिए कुछ अशुभ सिद्ध होंगे | जुलाई से पुनः यह अपनी राशि में आकर अति शुभ योगों का निर्माण करेंगे जिससे आपकी खोई प्रतिष्ठा वापस आएगी | झगड़े विवाद संबंधी मामलों का निपटारा होगा और आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा, उस समय इनकी दृष्टि आपके विद्या भाव पर पड़ेगी जिससे आपको शिक्षा प्रतियोगिता में सफलता मिलेगी, संतान संबंधी चिंता से मुक्ति मिलेगी और संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के योग बनेंगे प्रेम विवाह करना चाह रहे हों तो योग अति उत्तम रहेगा | यही दृष्टि आपके लिए भाग्यभाव पर पड़ेगी अतः धर्म-कर्म के मामलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और विदेश यात्रा का योग बनेगा | विदेशी नागरिकता के लिए वीजा आदि का आवेदन करना चाहें तो शुभ परिणाम आपको अधिक खुशी दे सकते हैं | शादी विवाह से संबंधित वार्ता भी सफल रहेगी | धनभाव में शनि देव का गोचर अनवरत चलता रहेगा इसलिए आकस्मिक धन प्राप्ति के योग के साथ-साथ किसी महंगी वस्तु के क्रय का भी योग बनेगा | मकान वाहन से संबंधित क्रय का निर्णय ले रहे हो तो विलंब ना करें सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी | सितंबर से राहु और केतु का राशि परिवर्तन आपको शत्रुमर्दी बनाएगा फिर भी विवादों से बचें और कोर्ट कचहरी के मामले बाहर ही निपटा लें तो बेहतर रहेगा |

मकर राशि- आपकी राशि के स्वामी शनि स्वयं अपनी ही राशि मकर में विद्यमान हैं और अतिशुभ योगों का निर्माण कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप वर्ष आपके लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है अतः, अपने कार्य एवं नीले पूर्ण सावधानी के साथ करते हुए चलेंगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी | इनके साथ उच्च राशि गत मंगल भी विद्यमान हैं यद्यपि शनि मंगल की युति बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती किंतु कामयाबी की दृष्टि से यह ठीक तो है स्वास्थ्य की दृष्टि से कुछ अशुभ है अतः यात्रा सावधानीपूर्वक करें दुर्घटना से बचें और जोड़ों में दर्द की बीमारियों से बचते रहे | कुछ दिनों के लिए अतिचारी होकर वृहस्पति भी इनके साथ आ रहे हैं जिससे स्वास्थ्य में थोड़ा सा सुधार तो होगा किंतु आप थकान का अनुभव करेंगे और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है इसे ग्रह योग समझकर भूलने की कोशिश करें | जुलाई से पुनः बृहस्पति आपके भाव में चले जाएंगे जिससे आपको किसी और देश की नागरिकता के लिए आवेदन करना सफलता दिला सकता है धर्म-कर्म के मामलों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे परिवार में मांगलिक कार्यों का शुभ अवसर आएगा इस राशि के योग कारक ग्रह शुक्र भी केंद्र गत हैं अतः मकान वाहन के क्रय का योग बनेगा | काफी दिनों से रुका हुआ आपका धन वापस आएगा यात्रा सावधानीपूर्वक करें, सामान चोरी होने से बचाएं संतान संबंधी चिंता से पूर्ण मुक्ति मिलेगी | व्यापारिक वर्ग के लिए भी यह समय अत्यधिक लाभदायक सिद्ध होगा इसलिए अपने कार्य व्यापार के प्रति सजग रहें अधिक उधार देने से बचें | सितंबर से राहु केतु का राशि परिवर्तन भी आपको सहयोग करने लगेगा इसलिए संयम पूर्वक अपने कार्य में लगे रहें |

कुंभ राशि- संवत्सर के आरंभ से ही आपके राशि स्वामी शनि व्यय भाव में गए हैं यद्यपि वह अपनी ही राशि के हैं फिर भी आपको अत्यधिक संघर्ष के बाद ही आर्थिक लाभ पहुंचाएंगे भागदौड़ की अधिकता रहेगी जिसके परिणाम स्वरुप आपको आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ सकता है | कुछ दिनों बाद वृहस्पति के भी आ जाने से शनि मंगल वृहस्पति की युति आपकी और भी परीक्षा ले सकती है अतः वर्ष का आरंभ आपके अति संयम और सावधानी बरतने का है क्योंकि आपके बारहवें भाव में मंगल और दूसरे भाव में सूर्य के परिणाम स्वरूप आपकी राशि पर दबाव सर्वाधिक है इसलिए इस समय आप जिम्मेदारियों से जूझ रहे होंगे | सबसे योगकारक ग्रह शुक्र का गोचर अपेक्षाकृत बेहतर रहेगा इसलिए साहस और पराक्रम वृद्धि होगी | यदि आप महिला हैं तो पुरुष और पुरुष हैं तो महिला आपके कार्यक्षेत्र में आपकी मदद करेंगे | जुलाई से वृहस्पति का शुभ गोचर आपको शिक्षा प्रतियोगिता में अच्छी सफलता दिलाएगा सोची समझी रणनीति भी कारगर रहेगी यदि आप प्रेम विवाह करना चाह रहे हों तो यह अवसर उपयुक्त रहेगा | नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग बन रहे हैं | गुरु की शुभ दृष्टि  प्रभाव स्वरूप रुके हुए कार्य बनेंगे नए लोगों से मेलजोल बढ़ेगा विदेश यात्रा का भी संयोग है | आरंभ में राहु एवं केतु का गोचर आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है पारिवारिक कलह दे सकता है और स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है इसलिए हर कार्य अथवा निर्णय बहुत सोच समझकर सावधानीपूर्वक लेना ही आपके लिए वर्ष पर्यंत श्रेयष्कर रहेगा | सितंबर माह से  कई ग्रहों के राशि परिवर्तन के प्रभाव स्वरूप विषम परिस्थितियों से कुछ हद तक मुक्ति मिलेगी किंतु तनाव की अधिकता एवं आर्थिक तंगी से इनकार नहीं किया जा सकता |

मीन राशि- वर्ष आरंभ से ही आपके राशि स्वामी बृहस्पति स्वराशि होकर दशम कर्मभाव में बैठे हुए हैं जिसके प्रभाव स्वरूप आपके कार्यक्षेत्र का विस्तार होगा जो कार्य करना चाहें जिस तरह से करना चाहें उसमें सफलता मिलेगी शासन सत्ता का पूर्ण सुख मिलेगा और उच्चाधिकारियों से संबंध बना रहेगा | इस अवधि के मध्य यदि सरकार से संबंधित कोई निर्णय अपने पक्ष में करवाना चाहें तो अवसर अच्छा रहेगा | कुछ दिनों बाद आपके लाभभाव में गुरु शनि और मंगल की युति एक साथ हो जाएगी जो आपके लिए लाभदायक तो रहेगी किंतु, स्वास्थ्य की दृष्टि से इस पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है इसलिए सावधान रहें | अच्छी संगति करें नशाखोरी से दूर रहें | गुरु की दृष्टि इस अवधि के मध्य आपके संतान एवं पत्नी भाव पर पड़ रही है जिसके फलस्वरूप आप को संतान संबंधित चिंता से मुक्ति मिलेगी यदि किसी भी तरह की प्रतियोगिता में बैठना चाह रहे हों तो यह अवसर उपयुक्त रहेगा और सफलता की संभावना सर्वाधिक रहेगी | विवाह संबंधित वार्ता भी सफल रहेगी | ससुराल पक्ष से रिश्ते मजबूत बनेंगे नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति के भी योग बन रहे हैं | यही योग कार्य व्यापार के लिए अति उत्तम सिद्ध होगा | सितंबर से राहु केतु एवं बृहस्पति का राशि परिवर्तन भी आपके लिए वरदान सिद्ध होगा उस समय आपके अदम्य साहस एवं पराक्रम की वृद्धि होगी आपके द्वारा किए गए कार्य एवं लिए गए निर्णय की सराहना तो होगी किंतु अत्यधिक ऊर्जावान एवं उत्साही होने के फलस्वरूप आप अपनी जिद एवं आवेश पर नियंत्रण रखते हुए कार्य करेंगे तो वर्ष आपके लिए बेहतरीन सिद्ध होगा |

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