शनिवार, 30 जून 2012


मैंने तो चाँद-सितारों में तुझे देखा है, मैंने हर अश्क की कतारों में तुझे देखा है !
मेरे महबूब तेरे पर्दानसीनी की कसम, मैंने हर रोज़ बहारों में तुझे देखा है !!

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