शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

शिवशक्ति का कैलाश प्रस्थान दिवस 'श्रावण पूर्णिमा'
माहपर्यंत भगवान शिव के पृथ्वी पर भ्रमण और उन्हें समर्पित श्रावण माह का कल अंतिम दिन है, पूर्णिमा के दिन जब चन्द्र अपनी सम्पूर्ण कलाओं और सहस्रों शीतल रश्मियों से संसार को आच्छादित कर देते हैं, और माँ महालक्ष्मी पाताल लोक के राजा बलि के यहाँ से बलि को रक्षासूत्र बांधकर विष्णु को मुक्त करा लेती हैं तो भगवान् शिव माँ शक्ति और गणों के साथ कैलाश पर्वत की ओर प्रस्थान करते हैं | इसप्रकार मोक्षदायिक मायाक्षेत्र में श्रावण कृष्णपक्ष की प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमापर्यंत शिव के निवास की यह अंतिम तिथि रहती है | इसदिन रुद्राभिषेक करना, पंचाक्षर मंत्र का जाप, जप-तप, पूजा-पाठ और दान्पुन्य विशेष महत्व रहता है | वैदिक ब्राह्मणों द्वारा इसदिन 'श्रावणी उपाकर्म' किया जाता हैं इसलिए वैदिक ब्राह्मण गण इसदिन प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में पवित्र नदी तालाब तीर्थ या देवालय पहुँच कर हेमाद्रिसंकल्प करते हैं | इस आध्यात्मिक विधान में षठकर्म, तीर्थों का आह्वाहन, संकल्प, पंचगव्य स्नान सहित शिखा सिंचन, नवीन यज्ञोपवीत धारण पश्च्यात विष्णु पूजन करना चाहिए | पुनः प्रजापिता ब्रह्मा, चारोंवेद और ऋषियों का पुरुष सूक्त के मंत्रों द्वारा आवाहन/स्तवन करना चाहिए | विधान पूर्ण होने पर आचार्य के हाथों रक्षावंधन बंधवाया जाता है | जिस स्थान पर सामूहिक व्यवस्था हो वहाँ सभी एक दूसरे को रक्षासूत्र बांधे | इसदिन ग्रामीण क्षेत्रों में कुल पुरोहित द्वारा रक्षा सूत्र बांधने का विधान है | सभी सनातनधर्मी ब्राह्मण अपनी वाणी की पवित्रता, सत्याचरण, मन, वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेकर यज्ञोपवीत बदलते हैं | पूजनोपरान्त विष्णु-लक्ष्मी के दर्शन से सुख, और समृद्धि की प्राप्ति तो होती ही है साथ ही इस पूर्णिमा के दिन पर शिवलिंग पर शहद, और पंचामृत का लेप करने से प्राणी कर्ज सेमुक्ति पा लेता है विद्यार्थियों को इसदिन शिवालिंग पर मिश्री और दूध के अमृततुल्य मिश्रण का लेप करते हुए उत्तम विद्या की प्राप्ति हेतु प्रार्थना करना करना चाहिए |अविवाहित अथवा विवाह में विलंब हो रही महिलाओं को गन्ने के रस से अभिषेक करने चाहिए शिव-शक्ति की कृपा से उनके जीवन में उत्तम दाम्पत्य सुख की प्राप्ति होगी |    पं जयगोविन्द शास्त्री