गुरुवार, 31 जनवरी 2013


यस्याज्ञया जगत्स्रष्टा विरंचिः पालको हरिः !
संहर्ता कालरुद्राख्यो नमस्तस्मै पिनाकिने !!

अर्थात - जिनकी आज्ञा से ब्रह्मा जी इस जगत की सृष्टि तथा
विष्णुभगवान पालन करते हैं और जो स्वयं ही कालरूद्र नाम
धारण करके इस विश्व का संहार करते हैं, उन पिनाकधारी
भगवान शंकर को नमस्कार है !

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