बुधवार, 30 अप्रैल 2014


ग्रहा राज्यं प्रयच्छन्ति ग्रहा राज्यं हरन्ति च !
ग्रहैः व्याप्तमिदं सर्वं त्रैलोक्यं सचराचरम् !!
अर्थात - मनुष्यों को केवल ग्रह ही राज्य देते हैं और ग्रह ही राज्य
हर भी लेते हैं चराचर सहित तीनों लोक सब ग्रहों से ही व्याप्त है !

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