गुरुवार, 25 मई 2017

श्रीकालभैरवाष्टकं    प्रस्तुति पं जयगोविन्द शास्त्री
ॐ करकलितकपाल: कुण्डली दण्डपाणिः तरुणतिमिरवर्णो व्यालयज्ञोपवीती |
क्रतु समयसपर्या विघ्नविच्छेद हेतुः, जयति बटुकनाथ सिद्धिदासाधकानाम् ||

दॆवराज सॆव्यमान पावनाङ्घ्रि पङ्कजं व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशॆखरं कृपाकरम् |
नारदादि यॊगिवृन्द वन्दितं दिगम्बरं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

भानुकॊटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं नीलकण्ठ मीप्सितार्थदायकं त्रिलॊचनम् |
कालकालमम्बुजाक्ष मक्षशूल मक्षरं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

शूलटङ्क पाशदण्ड पाणिमादि कारणं श्यामकायमादिदॆवमक्षरं निरामयम् |
भीमविक्रमंप्रभुं विचित्रताण्डव प्रियं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

भुक्तिमुक्ति दायकं प्रशस्तचारुविग्रहं भक्तवत्सलंस्थितं समस्तलॊक विग्रहम् |
विनिक्वणन् मनॊज्ञ हॆमकिङ्किणीलसत्कटिं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

धर्मसॆतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं कर्मपाश मॊचकं सुशर्म दायकं विभुम् |
स्वर्णवर्ण कॆशपाश शोभिताङ्ग निर्मलं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

रत्नपादुका प्रभाभिराम पादयुग्मकं नित्यमद्वितीय मिष्ट दैवतं निरञ्जनम् |
मृत्युदर्प नाशनं करालदंष्ट्र मोक्षणं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

अट्टहास भिन्नपद्मजाण्डकॊश सन्ततिं दृष्टिपात नष्टपाप जालमुग्र शासनम् ।
अष्टसिद्धि दायकं कपालमालिकन्धरं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

भूतसङ्घनायकं विशालकीर्तिदायकं काशिवासिलॊक पुण्यपाप शॊधकं विभुम् |
नीतिमार्ग कॊविदं पुरातनं जगत्पतिं काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजॆ ||

कालभैरवाष्टकं पठन्ति यॆ मनॊहरं ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्य वर्धनम् |
शॊकमॊहलॊभदैन्यकॊपताप नाशनं तॆ प्रयान्ति कालभैरवाङ्घ्रि सन्निधिं ध्रुवम् ||

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