शनिवार, 9 नवंबर 2019


या निशा सर्व भूतानां तस्यां जागर्ति संयमी ! यस्यां जाग्रति भूतानि सा निशा पश्यतो मुने !!
अर्थात- ज्ञानी तत्वदर्शन में जागता है जिसमे सारे प्राणी सोते हैं, और सारे प्राणी जिस माया में जागते हैं
तत्व ज्ञानी के लिए वही रात है वह उसमे सोता है ! माया अनादि है, परन्तु शांत है क्योंकि तत्वज्ञान होने पर
इसका अंत हो जाता है ! किन्तु जब माया अनादि है तो इससे पार कैसे पाया जासकता है ? इसपर कृष्ण कहते है की यह त्रिगुणमयी मेरी देवी माया है इसका पार पाना कठिन है किन्तु जो मुझमे अनुराग रखता है वह इस माया
से पार पा सकता है ! "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"

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