बुधवार, 16 नवंबर 2011

PT JAIGOVIND SHASTRI ASTROLOGER


अहिंसकस्य दान्तस्य धर्मार्जित धनस्य च ! नित्यं च नियमस्थस्य सदा सानु ग्रहा ग्रहाः !!
ग्रहाः पूज्या सदा रूद्र इच्छता विपुलं यशः !श्रीकामः शांतिकामो वा ग्रहयज्ञं समाचरेत !!

..... अहिंसक, जितेन्द्रिय, नियम में स्थित और न्याय से धन अर्जित करने वाले मनुष्यों पर सदा ग्रहों की कृपा बरसती रहती है ! यश ,धन, आरोग्य,उत्तम पद और संतानप्राप्ति तथा सभी तरह की परेशानियों से बचने के लिए ग्रहों की पूजा सदा करनी चाहिए ! क्यों कि ! ग्रहाः राज्यं प्रयच्छन्ति, ग्रहाः राज्यं हरन्ति च ! अर्थात -ग्रह अनुकूल हों तो राज्य दे देतें हैं,और प्रतिकूल होने पर तत्काल हरण भी कर लेते हैं !!

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