मंगलवार, 15 जनवरी 2013


श्रोत्रेण श्रवणं तस्य वचसा कीर्तनं तथा !
मनसा मननं तस्य महासाधन मुच्यते !!

अर्थात - कान से भगवान के नाम-गुण और लीलाओं का श्रवण,
वाणी द्वारा उनका कीर्तन तथा मन के द्वारा उनका मनन इन
तीनों को भगवत कृपाप्राप्ति का महान साधन कहा गया है !

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