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शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2014
गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014
यस्याज्ञया जगत्स्रष्टा विरंचिः पालको हरिः !
संहर्ता कालरुद्राख्यो नमस्तस्मै पिनाकिने !!
रूद्र त्वं दैत्य नाशाय सदा भस्मांग धारकः !
नागहारोपवीती च पूजां गृहणीधष्व में प्रभु !!
अर्थात - जिनकी आज्ञा से ब्रह्मा जी इस जगत की सृष्टि
तथा विष्णुभगवान पालन करते हैं और जो स्वयं ही कालरूद्र
नाम धारणकरके इस विश्व का संहार करते हैं, उन पिनाकधारी
भगवान शंकर को नमस्कार है | हे ! रूद्र आप दैत्यों के संहारक
हैं सदा ही भष्मधारण किये नागराज को यज्ञोपवीत रहते हैं !
संहर्ता कालरुद्राख्यो नमस्तस्मै पिनाकिने !!
रूद्र त्वं दैत्य नाशाय सदा भस्मांग धारकः !
नागहारोपवीती च पूजां गृहणीधष्व में प्रभु !!
अर्थात - जिनकी आज्ञा से ब्रह्मा जी इस जगत की सृष्टि
तथा विष्णुभगवान पालन करते हैं और जो स्वयं ही कालरूद्र
नाम धारणकरके इस विश्व का संहार करते हैं, उन पिनाकधारी
भगवान शंकर को नमस्कार है | हे ! रूद्र आप दैत्यों के संहारक
हैं सदा ही भष्मधारण किये नागराज को यज्ञोपवीत रहते हैं !
शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014
!! शरदपवार कर सकते हैं चमत्कार..!
आगामी लोकसभा चुनाव की सुगंध मिलते ही सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपने-अपने नाँक-कान खड़े कर लिए हैं, दरअसल जो भी
यू,पी,ए के सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर पिछले 57 महीने से एकसाथ सत्तासुख भोग रहे थे, चुनाव का बिगड़ता समीकरण
देखकर अचानक उनकी निष्ठाएं बदली-बदली सी लगने लगी हैं सभी को अब कांग्रेस सरकार में खोट नज़र आने लगी है इसी कड़ी में
नया नाम एन,सी,पी का जुड़ गया है ! क्या कहते हैं इनके मुखिया श्री शरद पवार के सितारे.? ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं !
भारतीय राजनीति में कौटिल्य कहेजाने वाले श्री शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर बारामती
महाराष्ट्र में हुआ ! इनके जन्म के समय क्षितिज पर भरणी नक्षत्र एवं बृश्चिक लग्न का उदय हो चुका था ! बृश्चिक लग्न की
कुंडली में लग्न में ही सूर्य-बुध, पंचमभाव में केतु, छठेंभाव में चन्द्र, शनि, गुरु एकादशभाव में राहू और बारहवेंभाव में मंगल तथा शुक्र
बैठे हैं ! कुंडली में शिवयोग, बुधादित्य, शत्रुमर्दी, विष, खल, गुप्त शत्रु, अंतर्मुखी, विलासिता, मांगलिक, बहुपत्नी, क्षत्रप, विषयी,
राजनेता, मुखिया, पराक्रमी, चन्द्र-गुरु, विपुल लक्ष्मीयोग सहित शुभाशुभ मिलाकर लगभग 83 से भी अधिक योग बने हैं और कुंडली में
निर्मित इन्हीं योगों के अनुरूप इनका जीवन भी रहा है ! विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि सभी पदों का सुख भोगने के
पश्च्यात भी अभी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब बचा हुआ है आने वाले चुनाव में एकबार फिर मिस्टर पीएम को रेस में दिख रहे
हैं चार प्रमुख दावेदारों में से तीन श्री नरेंद्र मोदी, श्री राजनाथ सिंह और श्री शरदपवार की एक ही लग्न बृश्चिक है जबकि राहुल गांधी
के सितारे अलग हैं ! शरद पवार की कुंडली के सबसे बलवान राहू और केतु हैं ! किसी भी जातक की जन्मकुंडली यदि बृश्चिक लग्न
की हो और केतु पंचमभाव में हो तो वह जातक कुशल कूटनीतिज्ञ अंतर्मुखी और राजनेता होता है यहाँतक कि जातक की योजनाओं को
भी समझ पाना मुश्किल होता है और ऐसे में राहू एकादश होजाते हैं जो 'त्रिषट एकादशे राहू सर्वारिष्ट विनश्यति' के सूत्र को चरितार्थ
करते हुए सभी अरिष्टों का शमन करते हैं ! कुंडली के लग्नेश मंगल एवं द्वादशेश शुक्र की युति बारहवेंभाव में भी पूर्णराजयोग का
निर्माणकरही है इस प्रकार का योग विश्व के कई राजनेताओं की भी कुंडलियों में देखा गया है !
वर्तमान समय में इनपर 26 जनवरी 2000 से शनि की महादशा चल रही है उसमें भी 08 सितंबर 2013 से 14 जुलाई 2016 तक
राहू की अंतर्दशा चलेगी ! इसी के मध्य 12 फ़रवरी 2014 से 28 जून 2014तक शनि की महादशा में राहू की अंतर्दशा में बृहस्पति
की प्रत्यंतरदशा चलेगी ! बृहस्पति पंचमेश हैं जो भाग्येश चन्द्र, तृतीयेश-चतुर्थेश शनि में साथ मित्र मंगल के घर में बैठे हैं स्वयं
मंगल की स्वगृही दृष्टि भी है साथ ही महाराजयोग निर्मित किये हुए शुक्र की भी पूर्ण दृष्टि है बृहस्पति वर्तमान समय में मिथुन
राशि में भ्रमण कर रहे हैं जिनके अष्टक वर्ग में 4 बिन्दु हैं जून से कर्क राशि में बृहस्पति के आने से 6 बिंदु हो जायेंगें जो अति
शुभफल कारक रहेंगें ! ग्रह-योंगों का विश्लेषण करने के पश्च्यात निष्कर्ष निकल रहा है कि श्री नरेंद्र मोदी जी के बाद प्रधानमंत्री पद
के दूसरे दाबेदार श्री शरद पवार हो सकते हैं ! पं जयगोविन्द शास्त्री
आगामी लोकसभा चुनाव की सुगंध मिलते ही सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपने-अपने नाँक-कान खड़े कर लिए हैं, दरअसल जो भी
यू,पी,ए के सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर पिछले 57 महीने से एकसाथ सत्तासुख भोग रहे थे, चुनाव का बिगड़ता समीकरण
देखकर अचानक उनकी निष्ठाएं बदली-बदली सी लगने लगी हैं सभी को अब कांग्रेस सरकार में खोट नज़र आने लगी है इसी कड़ी में
नया नाम एन,सी,पी का जुड़ गया है ! क्या कहते हैं इनके मुखिया श्री शरद पवार के सितारे.? ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं !
भारतीय राजनीति में कौटिल्य कहेजाने वाले श्री शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर बारामती
महाराष्ट्र में हुआ ! इनके जन्म के समय क्षितिज पर भरणी नक्षत्र एवं बृश्चिक लग्न का उदय हो चुका था ! बृश्चिक लग्न की
कुंडली में लग्न में ही सूर्य-बुध, पंचमभाव में केतु, छठेंभाव में चन्द्र, शनि, गुरु एकादशभाव में राहू और बारहवेंभाव में मंगल तथा शुक्र
बैठे हैं ! कुंडली में शिवयोग, बुधादित्य, शत्रुमर्दी, विष, खल, गुप्त शत्रु, अंतर्मुखी, विलासिता, मांगलिक, बहुपत्नी, क्षत्रप, विषयी,
राजनेता, मुखिया, पराक्रमी, चन्द्र-गुरु, विपुल लक्ष्मीयोग सहित शुभाशुभ मिलाकर लगभग 83 से भी अधिक योग बने हैं और कुंडली में
निर्मित इन्हीं योगों के अनुरूप इनका जीवन भी रहा है ! विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री आदि सभी पदों का सुख भोगने के
पश्च्यात भी अभी प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब बचा हुआ है आने वाले चुनाव में एकबार फिर मिस्टर पीएम को रेस में दिख रहे
हैं चार प्रमुख दावेदारों में से तीन श्री नरेंद्र मोदी, श्री राजनाथ सिंह और श्री शरदपवार की एक ही लग्न बृश्चिक है जबकि राहुल गांधी
के सितारे अलग हैं ! शरद पवार की कुंडली के सबसे बलवान राहू और केतु हैं ! किसी भी जातक की जन्मकुंडली यदि बृश्चिक लग्न
की हो और केतु पंचमभाव में हो तो वह जातक कुशल कूटनीतिज्ञ अंतर्मुखी और राजनेता होता है यहाँतक कि जातक की योजनाओं को
भी समझ पाना मुश्किल होता है और ऐसे में राहू एकादश होजाते हैं जो 'त्रिषट एकादशे राहू सर्वारिष्ट विनश्यति' के सूत्र को चरितार्थ
करते हुए सभी अरिष्टों का शमन करते हैं ! कुंडली के लग्नेश मंगल एवं द्वादशेश शुक्र की युति बारहवेंभाव में भी पूर्णराजयोग का
निर्माणकरही है इस प्रकार का योग विश्व के कई राजनेताओं की भी कुंडलियों में देखा गया है !
वर्तमान समय में इनपर 26 जनवरी 2000 से शनि की महादशा चल रही है उसमें भी 08 सितंबर 2013 से 14 जुलाई 2016 तक
राहू की अंतर्दशा चलेगी ! इसी के मध्य 12 फ़रवरी 2014 से 28 जून 2014तक शनि की महादशा में राहू की अंतर्दशा में बृहस्पति
की प्रत्यंतरदशा चलेगी ! बृहस्पति पंचमेश हैं जो भाग्येश चन्द्र, तृतीयेश-चतुर्थेश शनि में साथ मित्र मंगल के घर में बैठे हैं स्वयं
मंगल की स्वगृही दृष्टि भी है साथ ही महाराजयोग निर्मित किये हुए शुक्र की भी पूर्ण दृष्टि है बृहस्पति वर्तमान समय में मिथुन
राशि में भ्रमण कर रहे हैं जिनके अष्टक वर्ग में 4 बिन्दु हैं जून से कर्क राशि में बृहस्पति के आने से 6 बिंदु हो जायेंगें जो अति
शुभफल कारक रहेंगें ! ग्रह-योंगों का विश्लेषण करने के पश्च्यात निष्कर्ष निकल रहा है कि श्री नरेंद्र मोदी जी के बाद प्रधानमंत्री पद
के दूसरे दाबेदार श्री शरद पवार हो सकते हैं ! पं जयगोविन्द शास्त्री
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