रविवार, 29 जून 2014

ममैवांशे जीवलोके जीवभूतः सनातनः !

प्राणियों में जीवात्मा मेरा ही सनातन अंश है ! अतः जो मुझे 
भजता है वही मुझे प्राप्त करता है, यह राधेगोविंद का वचन है

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