शुक्रवार, 13 मार्च 2015

अब बृश्चिक राशि में शनिदेव हुए वक्री
शनिदेव 14 मार्च शनिवार की रात्रि 08 बजकर 21 मिनट पर वर्तमान बृश्चिक राशि की 10 अंश 51 कला और 32 विकला का भोग करने के पश्च्यात वक्री हो रहे हैं, इस
अवधि में ये 04 माह 19 दिनोंतक वक्रगति से चलते हुए भी राशि परवर्तन नहीं करेंगें और 02 अगस्त को दोपहर 11 बजकर 20 मिनट पर 04 अंश 12 कला तक भोगने
के पश्च्यात मार्गी हो जायेंगें ! भगवान शिव द्वारा शनिदेव को मृत्युलोक के प्राणियों का दंडाधिकारी नियुक्त किया गया है इसलिए शनि प्राणियों के जीवित रहते हुए ही
उनके शुभ-अशुभ कर्मों के अनुसार दंड का निर्धारण करते हैं और इसी जन्म में उन्हें दण्डित भी करते हैं ! शनि वृद्ध, तीक्ष्ण, आलसी, श्याम वर्ण, वायु प्रकृति प्रधान हैं, मकर
और कुंभ राशि के स्वामी शनि तुला राशि पर उच्च और मेष राशि में नीच संज्ञक होते हैं ! इनका वक्री होना बृश्चिक राशि वालों के लिए तो कुछ अशुभ रहेगा ही साथ ही
शासन सत्ता अथवा सरकारों के लिए अशांति कारक रहेगा ! सरकारों के मध्य आपसी सहमति बनाना भी कठिन रहेगा ! सभी राशियों पर शनि की वक्रगति का क्या असर
रहेगा, ? एवं क्या सावधानी बरतनी चाहिए. ? इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं !
मेष - स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, षड्यंत्र से बचें, वाहन सावधानी से चलायें ! बृषभ - पति/पत्नी आपसी कलह से बचें, व्यापार में लेन-देन के प्रति सजग रहें !
मिथुन - ऋण-रोग से बचें, शत्रुओं पर विजय, कोर्ट-कचहरी के मामलें आपके पक्ष में ! कर्क- प्रेम सम्बन्धों से निराशा, संतान और शिक्षा के प्रति लापरवाह ना बनें !
सिंह - पारिवारिक अशांति, मानसिक उलझन, सामान चोरी होने का भय ! कन्या - क्रोध बृद्धि, भाईयों में मतभेद, कार्य बाधा, सफलता मिलने में देरी !
तुला - वाणी पर नियंत्रण रखें, नेत्र विकार से बचें, आकस्मिक लाभ के योग !बृश्चिक - अजीब सा भय, स्वास्थ्य के लिए प्रतिकूल, दूसरों के लिए अशुभ कहने से बचें !
धनु - अशुभ समाचार से कष्ट, व्यर्थ भागदौड़ और यात्राओं अधिक व्यय ! मकर - परिवार के बड़े सदस्य के लिए हानि, लाभ मार्ग प्रसस्त होंगें ! स्वास्थ के प्रति सजग रहें !
कुंभ - कार्य-व्यापार में मंदी, नौकरी-पेशा वालों के लिए स्थान परिवर्तन के योग ! मीन - जल्दबाजी के निर्णय परेशानी का सबब, धार्मिक कार्यों-यात्राओं पर अधिक व्यय !
वक्री शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के उपाय - शनिदेव उन्हीं को अधिक परेशान करते हैं जो दिन का अधिक समय दूसरों को परेशान करने अथवा हानि पहुचाने में लगे
रहते हैं, इसलिए अपने आचरण में सुधार लायें ! माता-पिता एवं परिवार के अन्य बुजुर्गों की सेवा करें ! सत्कर्मों के प्रति लगाव और आचरण में सुधार ही शनि के अशुभ
प्रभाव से बचने के सरल उपाय हैं ! पीपल एवं शमीवृक्ष का आरोपण करना भी अतिशुभ फलदाई रहेगा ! पं जयगोविन्द शास्त्री

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