गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

बृहस्पति हुए मार्गी 08अप्रैल
बृहस्पति चार महीने बाद 8अप्रैल की रात्रि 10बजकर 23मिनट पर मार्गी हो रहे हैं, ये 8दिसंबर 2014 को वक्री हुए थे | बृहस्पति का वक्री-मार्गी होना ज्योतिष जिज्ञासुओं
के लिए बड़ीघटना के रूप में माना जाता है, क्योंकि जातकों की जन्मकुंडलियों में इनकी शुभ स्थिति जीवात्मा को आत्मबोध की ज्योति प्रदान करती है मार्गी रहने पर गुरु
प्राणियों की बुद्धि को सुचारू रूप से सही दिशा में चलाते है किन्तु वक्री होने पर मन-मस्तिस्क में भय-भ्रम और विषाद पैदा कर देतें हैं | वेदों में इनके महत्व को दर्शाते हुए
कहा गया है कि 'बृहस्पतिः प्रथमं जायमानो महो ज्योतिष: परमे व्योम | सप्तास्यस्तुविजातो रवेण वि सप्तरश्मिरधमत्तमांसि ||
अर्थात - बृहस्पति आकाश के उच्चतम स्तर पर स्थित होकर सभी दिशाओं से, सप्त रश्मियों से, अपनी ध्वनि से, हमें आच्छादन करने वाले अन्धकार को पूर्ण तया दूर
करते हैं ये सुंदर, पीतवर्ण, बृहद शरीर, भूरेकेश वाले अपने याचकों और आराधकों को वांछित फल प्रदान करने वाले देवता है | शादी-विवाह, संतान सुख, मांगलिक कार्यों,
आद्ध्यात्मिक एवं शिक्षा सम्बन्धी कार्यों में इनका विशेष योगदान रहता है | कुंडली में ये अकारक हों या वक्री अथवा किसी भी तरह से दोषयुक्त हों तो दोष शान्ति कराना
उत्तम रहता है | ज्योतिष शास्त्र में इन्हें साधु-संतों, आध्यात्मिक गुरुओं, तीर्थ स्थानों, मंदिरों, पवित्र नदियों तथा पवित्र पानी के जल स्तोत्रों, धार्मिक साहित्य तथा पीपलवृक्ष
का कारक माना गया है | इसके अतिरिक्त इन्हें अध्यापकों, ज्योतिषियों, दार्शनिकों, वित्तिय संस्थानों में कार्य करने वाले व्यक्तियों, लेखकों, कलाकारों तथा बैंकिंग सेवा का
भी कारक माना जाता है | ये धनु और मीन राशियों में स्वामी हैं अपनी उच्च राशि कर्क में स्थित होकर सर्वाधिक बली हो जाते हैं और मकर राशि में इन्हें नीच राशिगत
होने की संज्ञा प्राप्त है बृहस्पति दूसरे, पाचवें, नवें और ग्यारहवें भाव के कारक होते हैं ये शिक्षा, संतान तथा स्त्री की कुंडली में पति के भी कारक माने गए हैं | बली गुरू
के प्रभाव वाले जातक दयालु, दूसरों का ध्यान रखनेवाले, धार्मिक तथा मानवीय मूल्यों कोसमझने वाले बुद्धिमान होते हैं ये कठिन हालात में भी विषयों को भी आसानी से
समझ लेने की क्षमता रखते हैं | ऐसे जातक अच्छे तथा सृजनात्मक कार्य करने वाले होते हैं तथा इस कारण समाज में इनका एक विशेष आदर होता है | स्टॉक मार्केट एवं
कमोडिटी के सेक्टर्स के निवेशकों के लिए मार्गी होना और भी उत्तम रहेगा विशेष करके बैंक निफ्टी, बीमा, आई टी, शैक्षणिक संस्थानों, गैस, फार्मा और आभूषणों के सेक्टर्स
के निवेशकों के लिए शुभ संकेत हैं ! कर्क, तुला, बृश्चिक और मीन राशियों के लिए उत्तम, मेष, बृषभ, मिथुन, कन्या तथा मकर राशियों के लिए मध्यम फलदाई रहेंगें |
सिंह, धनु और कुंभ राशि वालों के मिला-जुला प्रभाव् ही रहेगा ! बृहस्पति की कृपा पाने के लिए प्रतिदिन स्नान के बाद ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः मंत्र का जप 11 बार
करना श्रेयष्कर रहेगा | पं जयगोविंद शास्त्री

     

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