मंगलवार, 28 जुलाई 2015

प्रातः स्मरणीय-वन्दनीय माँ भारती के प्रियपुत्र डॉ ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम
से मुझे तीन बार मिलने का सौभाग्य मिला | मेरा सौभाग्य है, कि उन्होंने
23 जून 2002 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित मेरा यह आलेख "राहु और
केतु का भी कलाम को सलाम" देखा और मुस्कुरा दिये | महान कलाम
को शत-शत नमन..... पं. जयगोविन्द शास्त्री

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