शुक्रवार, 25 मार्च 2016

शनि हुए वक्री बढ़ेगी अराजकता
आज 25 मार्च दोपहरबाद 03 बजकर 17 मिनट पर ज्येष्ठा नक्षत्र के द्वितीय चरण एवं बृश्चिक राशि पर शनि वक्री हो रहे हैं ये पुनः 13 अगस्त को
अनुराधा नक्षत्र के चतुर्थ चरण एवं बृश्चिक राशि पर मार्गी होंगे | इसप्रकार शनि 4 माह 19 दिनतक वक्र गति से चलेंगें | मार्गी का विलोम शब्द वक्री होता है, जिसका अर्थ है टेढ़ा चलना अथवा मुह फेर लेना | इसे आप व्यावहारिक भाषा में शनि का मुह फेर लेना भी कह सकते हैं | इसलिए जिन राशि के जातकों की जन्मकुंडलियों में शनि शुभ स्थान अथवा शुभ गोचर में चल रहे हैं उनके लिए तो वक्री शनि अच्छे नहीं कहे जायेगें क्योंकि आपकी मदद करने वाले ने आपसे मुह फेर लिया, किन्तु जिन जातकों की जन्मकुंडलियों में शनि अशुभफलकारक हैं अथवा गोचर में अशुभ भाव में चलरहे हैं उनके लिए तो राहत है क्योंकि प्रताड़ित करने पीछे मुड़ गया | जिन असामाजिक तत्वों अथवा आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे नेताओं, अधिकारियों को शनि दंड दे रहे थे वै अब राहत की साँस लेगें और अवसर मिलते ही पुनः अनैतिक गतिविधियों में लग जायेंगें | देश द्रोहियों एवं गद्दारों का वर्चस्व पुनः बढ़ने लगेगा वै बेलगाम हो जायेंगें क्योंकि उन्हें प्रशासन का डर नहीं रहेगा | इसीलिए ज्योतिषीय विद्वान् फलित करते समय वक्री शनि को अशुभ बताते हैं क्योंकि इस अवधि में सामाजिक शान्ति तो भंग होती ही है व्यावहारिक समरसता का भी अभाव रहता है | शेयर बाज़ार में कमोडिटी के सेक्टर्स के साथ-साथ क्रूड आयल, स्टील, कोल, सीमेंट्स लौह, ऑटो एवं शनिदेव से सम्बंधित वस्तुओं के सेक्टर्स में अच्छी खरीदारी-बिकवाली रहेगी | इसी अवधि के मध्य पृथ्वी पर प्राकृतिक आपदाएं, आँधी-तूफ़ान चक्रवातीय वर्षा की अधिकता रहेगी | मेष और सिंह राशि पर शनि की ढैया, तथा तुला, बृश्चिक एवं धनु राशि पर शाढ़ेसाती चलने के परिणामस्वरूप इन राशि वाले जातकों कुछ दिनों के लिए राहत मिलेगी इसलिए इन्हें अपने कर्मों में और अधिक सुधार लाना चाहिए ताकि आने वाला समय अनुकूल रहे | बृषभ,मिथुन, कर्क, कन्या, मकर, कुम्भ और मीन राशि वालों को सन्मार्ग पर चलते हुए सत्कर्मों की वृद्धि करनी चाहिए | जिन लोगों पर इनकी महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यांतरदशा, सूक्ष्मदशा आदि चल रही हो उन्हें विषम परिस्थियों में भी सत्यभाषण का त्याग नही करना चाहिए तभी शनि की अनुकूलता मिलेगी | वक्री शनि के अशुभ प्रबाव से बचने के लिए प्रतिदिन "ॐ नमो भगवते शनैश्चराय'' का जप करें, पीपल अथवा शमी का वृक्ष लगाएं |16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों-विद्यार्थियों पर शनि का कोई भी अशुभ प्रभाव नही रहेगा, अतः बच्चों को परीक्षा में अधिक सफलता के पाने के लिए माता, पिता एवं गुरु की सेवा तथा परोपकार करना चाहिए | पं जयगोविन्द शास्त्री 

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