बुधवार, 3 जनवरी 2018

तुला राशि- रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते | सातवीं राशि वर्ष 2018 |
इस राशि वालों के लिए वर्ष का ग्रहगोचर कई खट्टे-मीठे अनुभवों का सामना करवायेगा, एक ओर पारिवारिक तनाव और बढ़ी जिम्मेवारियाँ
मानसिक कष्ट पहुचा सकती हैं तो दूसरी ओर भावनाओं में बहकर कोई भी गलत निर्णय कार्य-व्यापार में हानि भी दे सकता है | भाइयों से
मतभेद वर्षांत अक्तूबर तक चलेगा किन्तु इसी योग से आपके साहस-पराक्रम की वृद्धि होगी और ऊर्जा शक्ति भी निरंतर बढ़ती रहेगी |
बृहस्पति का तुला राशि में होना अति आत्मविश्वास पैदा करेगा सावधान रहें, राजनीतिज्ञ अथवा राजनेताओं से गहरे संबंध बनेंगे जिसका
परिणाम दूरगामी किन्तु सुखद रहेगा | विद्यार्थियों, प्रतियोगिता में बैठने वालों, प्रेम प्रसंग तथा संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले नव-
दम्पत्तियों के लिए यह योग बेहतरीन कामयाबी देगा यदि आप थोडा सा भी कठिन परिश्रम करलें तो परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने
से कोई नहीं रोक पायेगा |पति/पत्नी भाव पर गुरु की दृष्टि विवाह में आ रही अड़चने तो दूर करेगी साथ व्यापार के क्षेत्र में लाभ के अनेक
श्रोत बनायेगी | सकारात्मक सोच और कुशल कार्यक्षमता से इसवर्ष आपकी सफलता का ग्राफ 80 प्रतिशत तक रहेगा |
शुभअंक- 6,माह की 15 और 24 तारीखें भी सुखद परिणाम वाली रहेंगी, शुभदिन- बुधवार, शुक्रवार, शनिवार | शुभरंग- श्वेत, हरा, काला,
नीला, जामुनी | शुभरत्न- हीरा, पन्ना, नीलम |  स्वास्थ्य- शगर, लीवर और यौन रोग से बचें |
जब आप मुस्करायेंगे-
जनवरी- पारिवारिक कलह से तनाव-मानसिक पीड़ा, वैवाहिक जिम्मेवारियाँ पूर्ण होगी, नए प्रेमप्रसंग का आरम्भ होगा |
फरवरी- नए कार्य-व्यापार आरम्भ कर सकते हैं, सामाजिक रुतबा बढेगा, विलासिता एवं अन्य भौतिक सुखों पर व्यय |
मार्च- शिक्षा प्रतियोगिता में आशानुरूप सफलता, नौकरी में पदोंन्नति, शासन सत्ता का भरपूर सहयोग मिलेगा |
अप्रैल- मकान-वाहन के क्रय का योग, माता-पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें, दाम्पत्य जीवन में कटुता न आने दें |
मई- विवाह में अड़चने, अग्नि और विष बचें, बाधाओं के बावजूद बेहतरीन कामयाबी, विद्यार्थियों के लिए समय शुभ |
जून- विश्वासघात से बचें, दाम्पत्य जीवन में भी तनाव के योग किन्तु, आपके द्वारा लिए गये निर्णय सराहनीय होंगे |
जुलाई- सूर्य-शनि का परस्पर दृष्टि संबंध अतः वाहन सावधानी पूर्वक चलायें दुर्घटनाओं से बचें, योजनाओं को लागु करें |
अगस्त- पद एवं गरिमा की वृद्धि होगी, शीर्ष अधिकारियों मधुर संबंध, नए रोजगार के योग तथा मकान-वाहन का सुख |
सितंबर- शासन सत्ता का भरपूर सहयोग मिलेगा, हृदय, नेत्र विकार एवं माता-पिता के स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहें |
अक्टूबर- अपनी जिद-आवेश को नियंत्रण करें, कटुवाणी प्रयोग से बचें, विदेश यात्रा एवं देशाटन का लाभ, शत्रु परास्त होंगे |
नवंबर- कार्ययोजनाओं से अप्रत्याशित लाभ के योग, प्रतीक्षित परिणाम सकारात्म्क रहेंगे, मुकदमों एवं शत्रुओं पर विजय |
दिसंबर- मान-सम्मान में वृद्धि विदेश यात्रा के योग, उच्चाधिकारियों से सहयोग मिलेगा, प्रतिष्ठा में निरंतर वृद्धि होगी |
उपाय- वर्षपर्यंत भगवान शिव की आराधना और ॐ नमः शिवाय का जप करते रहना सभी कष्टों से मुक्ति देगा |
पं जयगोविंद शास्त्री 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें