रविवार, 13 नवंबर 2011


अत्यन्त दुष्टस्य कलेरयमेको महान गुणः ! कीर्तनादेव कृष्णस्य मुक्त बन्धः परं व्रजेत !!
दशवर्षेशु यत्पुन्यम क्रियते तु कृते युगे ! त्रेतायांमेकवर्षेंण तत्पुन्यम साध्यते नृभिः !!
द्वापरे तच्च मासेन तद्दिनेंन कलौ युगे !
इस अत्यंत दुष्ट कलियुग में सबसे महान गुण यह है, कि इस युग में भगवान् श्री कृष्ण के नाम-गुण का संकीर्तन करने से मनुष्य संसार बंधन से मुक्त हुआ परं पद प्राप्त कर लेता है! सत्ययुग मे दश वर्षों में जो पुण्य लाभ किया जाता है, उसी पुण्य को त्रेता में मनुष्य एक वर्ष में सिद्ध कर लेते है,वही द्वापर में एक माह और कलियुग में एक दिन में ही प्राप्त किया जा सकता है !

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