रविवार, 13 नवंबर 2011


आरोग्यं भास्करादिच्छेय मिछ्येध्द्ताशनात ! ईश्वराज्ज्ञान नमन्विच्छेन्मोक्षमिच्छे ज्जनार्द्नात !!
दुर्गादिभिस्तथा रक्षां भैर्वाद्यैस्तु दुर्गमं ! विद्यासारं सरस्वत्या लक्ष्म्या चैश्वर्यवर्धनम !!
पार्वत्या चैव शौभाग्यं शच्या कल्याण संतति !स्कंदात प्रजाभिवृद्धिं च सर्वं चैव गणाधिपात !!
मूर्तिभेदा महेशस्य त एते यन्मयोदिता !!
अर्थात -सूर्य से आरोग्य की,अग्नि से श्री की, शिव से ज्ञान की,जनार्दन से मोक्ष की,दुर्गा आदि देवियों से रक्षा की,भैरव आदि देवता से सभी आपत्तियों से पार पाने की,सरस्वती से विद्या-तत्व,लक्ष्मी से धन-ऐश्वर्य बृद्धि की,पार्वती से सौभाग्य की,इन्द्राणी से कल्याण की,स्कंध से संतान-बृद्धि की और गणेश से सभी वस्तुओं की याचना करनी चाहिए ! ये सभी भगवान् शिव की ही विभिन्न मूर्तिया हैं !!

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