रविवार, 10 मई 2020

कहीं शनि आपकी राशि के लिए घातक तो नहीं !

कहीं शनि आपकी राशि के लिए घातक तो नहीं !
शनिदेव की साढ़ेसाती का नाम आते ही प्राणी किसी न किसी कारण से बेचैन होने लगते हैं कि ये साढ़ेसाती उनके लिए शुभ रहेगी याअशुभ | सत्य ये है कि इनकी साढ़ेसाती, ढैया और मारकेश दशा के रूप में गोचरकाल प्राणियों के अच्छे बुरे कर्मों के अनुसार उन्हेंपुरस्कार तथा दंड देने के लिए ही आता है | प्राणी के कर्म अच्छे हैं तो अशुभ प्रभाव कम होगा और उसे अच्छे फल मिलेंगे किंतु,प्राणियों के कर्म ज्यादा बुरे हैं तो अशुभ प्रभाव अतिशय पीड़ादाई होगा | जाने शनि की साढ़ेसाती और उनके गोचर काल के प्रभावके बारे में |क्या है शनि की साढ़ेसाती-अपने गोचरकाल में शनिदेव एक राशि पर ढाई वर्ष रहते हैं | जब यह आपकी जन्म राशि से पहले, दूसरे और बारहवें स्थानों मेंभ्रमण करते हैं तो यह काल शाढ़े सात वर्ष का रहता है और इसे ही साढ़ेसाती कहते हैं | ज्योतिष सूत्र के अनुसारद्वादशे जन्मगे राशौ द्वितीये च चनैश्चरः | सार्द्धानि सप्तवर्षाणि तदा दुःखैर्युतो भवेत् |शनि गोचर से बारहवें स्थान पर हों तो सिर पर, जन्म राशि पर हों तो हृदय पर और जन्म राशि से द्वितीय स्थान में हों तोपैर पर उतरती साढ़ेसाती के रूप में अपना प्रभाव डालते हैं | जन्म राशि से चतुर्थ और अष्टम स्थानों पर गोचर करते हुए शनिकी ढैया रहती है, जो ढ़ाई वर्षतक चलती है यह भी जातक के लिए अति कष्टकारी रहती है | शनि का पाया विचार-शनि के राशि परिवर्तन के समय यदि चंद्रमा पहले, छठे और ग्यारहवें स्थान में हों तो सोने का पाया, दूसरे, पांचवें में तथा नवमस्थान में हो तो चांदी के पाये पर गोचर करते कहलाते हैं | जब शनिदेव तीसरे, सातवें एवं दसवें स्थान में हों तो तांबे का पायाऔर चौथे, आठवें तथा बारहवें स्थान में हो तो लोहे के पाए पर गोचर करते हुए माने गए हैं | सोने के पाए पर हों तो सुखों कोदेने वाले, चांदी के पाये पर गोचर करते हुए सौभाग्य बढ़ाने वाले और ताबे के पाए पर गोचर करते हुए शनि मध्यम फल देते हैंजबकि लोहे के पाए पर गोचर करते हुए शनि अनेक प्रकार के कष्ट एवं धन हानि करते हैं | राशियों पर इनका प्रभाव-यदि शनि जातक के जन्म के समय मिथुन, कर्क, कन्या, धनु अथवा मीन राशि पर गोचर कर रहे हों तो मध्यम फलदाई होतेहैं | मेष, सिंह और वृश्चिक पर गोचर करते हुए शनिदेव प्रतिकूल प्रभाव देने के लिए तत्पर रहते हैं | वृषभ तुला मकर औरकुंभ राशि वालों के लिए शनि हमेशा लाभदायक रहते हैं इन राशियों में इनके गोचर करते समय जो जातक जन्म लेते हैं उनकेजीवन में एक समय ऐसा अवश्य आता है जब ये जातक को रंक से राजा बना देते हैं | ऐसे व्यक्तियों के जीवन में आकस्मिकताका प्रभाव सर्वाधिक रहता है | लोग जनप्रिय होते हैं और छोटे स्तर से कार्य करके कामयाबी की बुलंदी तक पहुंचते हैं |शनि की शाढ़े साती अथवा मारकेश में सर्वाधिक पीड़ा पाने वाले कौन-शनिदेव अपनी साढ़ेसाती या ढैय्या या मारकेश दशा में ऐसे लोगों को अत्यधिक कष्ट पहुंचाते हैं जो, विश्वासघाती, गुरुजनों सेधोखा करने वाले, अति झूठ बोलने वाले, मित्रों से झूठ बोलकर उनको हानि पहुंचाने वाले, कृतघ्न, न्यायालय में झूठी गवाहीदेने वाले, भिखारियों को अपमानित करने वाले, अति स्वार्थी, धूर्तता या चालाकी से धन हड़पने वाले, बुजुर्गों को अपमानितकरने वाले, रिश्वत लेने वाले, व्यभिचार में लिप्त तथा नशा करने वाले, चींटी, कुत्ते या कौवे को मारने वाले होते हैं |

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